रविवार, 8 मार्च 2020

महिला दिवस

औरतें तो आज़ाद हो जाती हैं । माँएँ कभी आज़ाद नहीं हो पातीं । ज़िम्मेदारियाँ बहुत बड़ा बंधन है । गुलामी कहिये, उन्हें कहने दीजिये ।

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