रविवार, 8 मार्च 2020

विकल्पहीन

थोड़े में बसर करने के सिद्धांत का कोई विकल्प नहीं दिखता । दिखेगा तो बताएँगे । हमारा तो आज़माया हुआ है । हमारे Divya Ranjan Pathak " निर्विकार" इसके साक्षात उदाहरण हैं ।

To everyone according to his need की सफलता संदिग्ध है, क्योंकि Need की कोई सीमा नहीं है । सीमा हो जाय तो मार्क्सवाद आया समझो ।

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