आलोच्य तो फिर भी होगा, लेकिन एक बहुत बड़ा लाभ मिलने वाला है, मिल ही जायेगा कलयुगी लोकतन्त्र को रामराज्य में, यदि उसकी नीति कलयुगी रामभक्त लागू कर पाए तो ।
किसी पुरोहित ने स्मरण दिलाया है, इंगित किया है कि यदि निर्भया के एक ब्राह्मण अपराधी को फाँसी दी गयी तो यह ब्रह्म हत्या होगी जो पाप होगा, इसलिए ऐसा नहीं होना चाहिए ।
तो चलो एक तो पहले बचे फाँसी की सज़ा से, किसी बहाने सही ।
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