#मंदिरनहींजाएँगे। आंदोलन ! (MNJ Movement)?
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साथी प्रो दिलीप मंडल / अशोक भारती का Twitter पर यह Hashtag बड़ा trend हो रहा है । मुझे अच्छा लगा और मैं इसके पक्ष में इसका समर्थक हूँ ।
मैं नास्तिक हूँ कहने से ज़्यादा acceptible है "अनाराधक" बताना । और उससे भी ज़्यादा सरल शब्दों में है यह कहना, घोषित ऐलान करना कि "मंदिर नहीं जाएँगे" ! ईश्वर है/नहीं है, ईश्वर को हम मानते हैं या नहीं मानते इस सबसे परे विवाद बखेड़े से हटकर है बस "मन्दिरनहींजाएँगे" !
आप लोगों की क्या राय है ? क्या उचित न होगा इस आंदोलन को चलाना ? देशव्यापी बनाना । मेरे ख्याल से हमें अपने घरों, वाहनों या प्रदर्शित स्थानों पर इसका sticker लगाना चाहिए । और सारे बहस विवादों से मुक्त होकर इस प्रकार धीमे से, हौले से नास्तिकता का प्रचार करना चाहिए । इससे किसी का द्वेष कोई झगड़ा भी नहीं है । बस हम मंदिर नहीं जाते/ मंदिरनहींजाएँगे ।
आपका - उग्रनाथ नागरिक 👍👌
इसे ज़िद्दी जमात (अनाराधक संघ) में भी डाला है ।
लोग हमें नास्तिक आस्तिक खाने में न डालें । बस #मन्दिरनहींजाएँगे । ☺️👍💐👌
उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
सोमवार, 13 जनवरी 2020
मंदिर वहीं बनाएँगे ?
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