गुरुवार, 23 जनवरी 2020

क्रांति की पाठशाला

मैं क्रांतिकारी बनूँ, इससे बेहतर होगा मैं क्रांतिकारी बनाऊँ । अनगिनत, अगणित ! हम अकेले कितनी क्रांतियाँ सँभालेंगे ? कारगर होगा "जितने लोग उतनी क्रांतियाँ" की रणनीति । जिससे क्रांति चलती रहे । किसी व्यक्ति- विचारधारा के बाद रुक न जाये ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें