सोमवार, 26 दिसंबर 2011

यह भारत देश तमाशा है

यहाँ तानाशाह भी अपना अभियान शुरू करने से पहले महात्मा गाँधी की मूर्ति के समक्ष शीश नवाता है । और कोई आश्चर्य नहीं , यदि कभी हिन्दुओं में कसाई कौम पनपे तो वह बकरे की गर्दन पर छुरी चलाते समय मन्त्र बोले - "जय,गाँधी जी की जय" !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें