उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
सोमवार, 26 दिसंबर 2011
तानाशाह
" मेरा लोकपाल बिल , या हवाई जहाज़ का बिजनेस क्लास बिल अभी , फौरन जैसा मैंने बनाया है बिल्कुल वैसा ही , बिना किसी काट -छांट के पास करो , नहीं तो जाओ " ऐसा ऐलानिया धमकी जो दे , तो समझो वह तानाशाह है । जब वह आ जायेगा तो कभी जायगा नहीं ।
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