सोमवार, 26 दिसंबर 2011

विषम समता

प्रसन्नता हुयी जानकर कि एक मुद्दे पर दोनों एकमत हैं । फारुक अब्दुल्ला और बाल ठाकरे दोनों का कहना है कि लोकपाल की कोई ज़रुरत नहीं है ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें