उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
गुरुवार, 29 दिसंबर 2011
सफल अन्ना
* अन्ना का आन्दोलन सफल , यदि इसे सफल माना जाय तो , इसलिए हुआ क्योंकि अन्ना टीम ने व्यक्ति और समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार को छुआ तक नहीं । बल्कि उनके सदस्य व्यक्तिगत रूप से जब भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के लिए आरोपित हुए तो स्वयं उन्होंने उसे भ्रष्टाचार नहीं माना और अन्ना ने उनका बचाव ही किया । अपनी सफलता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने चिड़िये की आँख की तरह केवल राजनीतिक , उसमे भी केवल सरकारी भ्रष्टाचार , स्कैम ,घोटालों पर अपना ध्यान केन्द्रित रखकर आन्दोलन को संचालित किया । इसीलिये उन्हें एकाएक जन समर्थन मिला और वे सरकार पर दबाव बनाने में कामयाब हुए । यदि उन्होंने ज़रा भी अपनी भीड़ से भ्रष्टाचरण न करने की शपथ लेने की पेशकश की होती तो भीड़ का छँटना जो अब मुंबई में प्रकट हुआ , वह दिल्ली में ही शुरू हो गया होता । बल्कि जिस तरह वह आज MMRDA मैदान छोड़ कर भागे ,उस तरीके से तो वह जंतर मंतर से ही छू मंतर हो गए होते । बहरहाल अब भी अन्ना की यदि अन्ना की समझ में कुछ आ जाय तो यह उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा । उन्हें समझना होगा कि सफलता व्यक्ति को बड़ी जल्दी पठार में फेंकती है ।
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