१ - (समाधान) - मित्रों से बातचीत करने पर यह लग रहा है कि अयोध्या में जो सरकारी ज़मीन है उस पर मैटरनिटी होम बनवाने की माँग राष्ट्रव्यापी बनायीं जा सकती है । विवादित स्थल का निर्णय अदालत के पास है , वह करे । लेकिन यह तो तय है कि पूरी समस्या का समाधान हमारे पास है जिसे हम सरकार के माध्यम से लागू कराना चाहेंगे । वह काम तो कोर्ट नहीं कर सकती , और हिन्दू -मुस्लिम संगठन भी नहीं करेंगे । ऐसी दशा में सरकार को कौशल्या मातृत्व केंद्र बनाने की पहल करनी ही चाहिए जिससे समस्या को स्थायी समाधान की दिशा मिल सके । #
२ - (कविता) - मस्जिद तो बन ही नहीं सकती
तो अयोध्या में
राम जन्म भूमि मंदिर भी
नहीं ही बननी चाहिए ,
यह मुसलमान नहीं
हिन्दू की चाह है ,
कट्टर ,सत्य ,आधुनिक ,
प्रगतिशील , वैज्ञानिक
हिन्दू की चाह है । #
३ - (उवाच )- आप हिन्दू हैं । और साम्प्रदायिक नहीं हैं । इसका मतलब यह नहीं कि आप साम्प्रदायिक नहीं हैं । आप बड़े आराम से मुस्लिम साम्प्रदायिक हो सकते हैं । #
४ - जैसे जातियां हैं तो उनमे जातिवाद का होना स्वाभाविक है । उसी प्रकार सम्प्रदाय हैं , तो साम्प्रदायिकता भी होगी ही । अब देखना यह है कि जिन दो सम्प्रदायों में अधिक तनाव है , उनमे से कौन अन्य सम्प्रदायों को सहने , अपनाने में कुशल रहा है और कौन हमेशा तना - अकड़ा रहा है ? इसके लिए उनके इतिहास -भूगोल में जाना होगा और उनकी वर्तमान मानसिकता का भी आकलन करना होगा । तिस पर भी किसी निर्णय पर निश्चयात्मक हो पाना कठिन ही है । #
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