बुधवार, 26 फ़रवरी 2020

एक सही वर्तनी हो तुम

कवितानुमा?
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तुम मेरे नाम की
वर्तनी ग़लत लिख दो,
मेरे नाम के उच्चारण को
गालियों, तद्भव शब्दों से भर दो !
मेरे नाम की वर्तनी
सुगंधित हो जाएगी,
मेरे नाम का उच्चारण
महक उठेगा,
लेकिन तुम कोई नाम
लिखो तो सही,
कुछ बोलो तो सही !
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(उग्रनाथ)

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