उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020
महरूम
मुझे इस इस बात का मलाल है कि मुझे अच्छे आदमियों का साथ नहीं मिला, उनसे संपर्क नहीं हुआ, उनके साथ काम करने का अवसर नहीं मिला । तो, शायद मैं ही अच्छा आदमी नहीं था ।
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