उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
मंगलवार, 11 फ़रवरी 2020
अरब में मंदिर
भैये, अब आप लोग बस मंदिर बनाने का ठेका लो । अरब में, अमरीका में, अयोध्या में, और दुनिया भर में । यह राज्य चलाने का हौसला छोड़ दो । तुमसे न होगा, तुम्हारे बस का नहीं यह काम ।
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