मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020

हिन्दू राष्ट्र

हमें यह स्वीकार करने में कोई हर्ज नहीं है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है । बल्कि इसमें तो हमको ही आसानी है । हम निर्द्वन्द्व हो जायेंगे जो कि हम तमाम धर्मों के बीच नहीं हो पा रहे हैं । क्योंकि तब हम  लेकिन केवल हिंदू राष्ट्र राज्य धर्म और संस्कृति की ही आलोचना धड़ल्ले से कर सकेंगे,  किन्हीं अन्य धर्मों, मजहबों, संस्कृतियों की नहीं (हमें उनसे प्रयोजन ही क्या है हिन्दू देश में ) ? भारत के हिंदू राष्ट्र होते ही हम इसका अधिकारी हो जाएंगे और हिंदू इसका पात्र हो जाएगा कि वह हमारी आलोचना का शिकार बने । है न हमारी बात सही यदि हम मान लें कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है ? लेकिन तब फिर यह न कहिएगा कि "उनकी देखो" / "उनको कुछ नहीं कहते" । अरे भाई, अब उनकी क्या औकात ? तुम्हीं बोओ तुम्हीं काटो, तुम्हीं झेलो । बो तो रहे हो बबूल के पेड़ !😢

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