बुधवार, 26 फ़रवरी 2020

राज्य जाय

भारत देश को सरकारी तंत्र से बाहर निकालना है । इसलिए मैं मानव हितैषी होकर भी कल्याणकारी राज्य के दंद फंद को हजम नहीं करता, क्योंकि इसी तरीके से राज्य अपना तख़्त पुख़्ता करता है, और फिर शोषण पर उतारू । तब मेरी नज़र राज्य के विलोपन, withering away of the state की ओर जाता है । यह न हो तो भी राज्य जितना भी कमजोर हो उतना ही अच्छा । इसीलिए मैं अरविंद केजरीवाल का भी ज़्यादा क़ायल नहीं हूँ!

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