शनिवार, 17 मार्च 2018

अयोध्या उपाय

निर्दोष समाधान !
Foolproof scientific solution to Ayodhya Dispute :-
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सम्पूर्ण समस्या को संकेंद्रित, centralise करके देखें तो बात है केवल गर्भगृह की । आस्था की दुहाई दी जाती है राम जन्मभूमि की । लड़ाई है राम की पैदायशी ज़मीन की । धार्मिक भावना जुड़ी है जहाँ रामलला की मूर्ति स्थापित, विराजमान है । विवाद भले पौने तीन एकड़ में फैला है ।
तो उस गर्भगृह पर मंदिर मस्जिद कोई हल नहीं है । इससे समस्या घटने के बजाय बढ़ेगी । समाप्त तो कतई नहीं होगी । इसे किसी गहरे अंधकूप, काल के विवर में डालना ही एकमात्र स्थायी उपाय है । इसे हम Black Hole Solution नाम देना चाहते हैं ।
लेकिन इसे आप सुविधा के लिए Pillar Well भी कह सकते हैं ।
उस स्थान को आप एक गोल मोटी दीवाल से घेर दें । और उस दीवाल पर वह राम मंदिर के लिए करोड़ोे की कीमत के लाये, तराशे गए सारे पत्थर एक के ऊपर एक जोड़ते हुए ऊँचा उठाते जायँ । क्या खूब कि वह राम का कुआँ बुर्ज़ खलीफ़ा से भी ऊँचा हो जाये । दुनिया देखे । पत्थर जड़ते जड़ते अगर शिखर के पत्थर आपस में जुड़कर Dome के आकार की हो जायें, और वह स्तूप बन जाये तो क्या कहने ! बौद्धों की भी आस्था का समाधान हो जाये । है न उनका भी सशक्त दावा उस स्थान पर और राज्य को सबका ख्याल रखना है । देखिये, पूरा न्याय absolute तो नहीं निकल सकता, यदि वहाँ मस्जिद वापस न की गयी तो । तो अन्याय तो होना है धार्मिक श्रद्धा पर । तो भक्तों, कारसेवकों का भी तुष्टिकरण संविधान के अनुच्छेद 51A(h) के विरुद्ध होगा । लेकिन यह भी सच है कि इसका कोई सेक्युलर उपयोग भी सौंदर्य शास्त्र Secular Aesthetics के अनुकूल न होगा । इसे एक धार्मिक स्मारक, Historical-Religious Monument ही बनना उचित होगा । यही फिर बुर्ज़ खलीफ़ा की तरह secular credential को प्राप्त होगा, tourism पर्यटन का एक महान केंद्र ।

अब उपसंहार । चूँकि (दिवंगत 14 मार्च) सदी का महान ब्रम्हाण्ड वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग वेदों में विज्ञान की बड़ाई कर चुके है, तो यह तो बहुत अच्छी बात है । उन्होंने भारत का शीश संसार में ऊँचा कर दिया, हमारे लिए गर्व की बात है । इसलिए उस शेष परिसर को स्टीफन हाकिंग विज्ञान पार्क का नाम दिया जाय । वहाँ बुर्ज़ खलीफ़ा के तौर तरीके पर Light & Sound प्रदर्शनी द्वारा यह दिखाया सुनाया जाय कि पुष्पक विमान कैसे उड़ाया जाता था, गणेश के सिर की सर्जरी कैसे हुई, कैसे पत्थर को तैराया जा सकता है, किस प्रकार फल फूल आदि से गर्भाधान किया जाता था, इत्यादि इत्यादि । वेद भी खुश, विज्ञान भी प्रसन्न ।

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