गुरुवार, 20 जून 2013

UGRA Blog 15 to 20 June 2013

* मैं ज़िन्दगी भर
सत्य का दामन छुए रहा ,
इतना नहीं कि
फाँस में लपेट ले मुझे |

-- " मैं यू पी को बदल कर ही दम लूँगा " - राहुल गाँधी |
== तो इसका नाम "राहुलगाँधी लैंड" या सबसे अच्छा "सोनिया लैंड" रख दो न ?
स्विटज़र लैंड से मिलता जुलता ?

* इस मंजन का प्रयोग करो | इसमें नमक है | और जानते ही हो भारत में नमक
का कितना अभाव है ?

* मैं जातिवादी नहीं हूँ पर आप मुझे मेरी जाति से पहचानते हैं | या आप
जातिवादी नहीं हैं किन्तु मैं आप की जाति से आपको जोड़ कर देखता हूँ | तो
फिर जातिवाद गयी कहाँ ? जा कैसे सकती है ? जातिवाद पारस्परिक पहचान के
आधार पर जिंदा है | यह सामजिक संस्था है | व्यक्ति कितना कुछ कर सकता है,
वह इसे बढ़ाने में हो या इसे मिटाने में ?

ऐसे समय में यह टिप्पणी करना कहीं गलत, या उनकी आस्था के लिए अपमानजनक तो
नहीं हो जायगा कि - " अच्छा होता वे लोग तीर्थ यात्रा पर न गए होते ! " ?
[ Ref - Badri / Kedar Nath par Kahar ]
* इसे Adventure कहना तो मुझे ' साहस ' का अपमान करना जैसा लगता है |
साहसी होते तो भगवान की शरण में क्यों जाते ? विपरीत्तः वे तो निरीह,
अशक्त, [आत्म] बल विहीन जन ही लगते हैं | [ To Navneet Tewari ]

एक पुराना जज्बा याद आ गया =
ज़िन्दगी से जुड़े हुए मसलो ,
सामने आ, मैं देखता हूँ तुझे |

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Abhilekh Singh
Sir Nilakshi ne to Mera jabab sun ke mujhe block hi kar diya
Sayad use Lagta hai ki wahi gyani hai par use nahi pata ki aap jaise
log Bhi to hain .
Ugra Nath
Gyani hon bhi to bhi , gyan nahi uddeshya [ Purpose of life and
thinking ] mahatvpoorn hota hai . Thanks for your love to me .
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० - चाकू तेज़ था
और वज़नदार
एक ही वार !
१ - सब झूठ है
सच निकालना है
इनके बीच |
२ - सब झूठ है
झूठ को जानना ही
ज्ञानवत्ता है |
३ - जानने और
नहीं जानने में है
यही तो फर्क !
४ - तेरा नाम ही
तेरे धर्म का नाम
बना है तो क्यों ?
५ - मिल गया न
फिट हो गयी गोटी
पुरस्कार की ?
६ - होंगे तो नहीं
सारे अफसर ही
मातहत भी !
७ - दया कर दी
दे दिया तो ले लिया
बोला- शुक्रिया !
८ - अच्छा नहीं है
सबसे सब कुछ
उगल देना |
९ - ख़राब ही तो
सबकी ही जिंदगी
किसकी अच्छी ?
१० - किया न किया
नौकरी बचायी तो
पेट तो पाला !
११- यह सत्य है ?
तो बाहर निकालो
इसे यहाँ से |
१२ - व्यंग्य ही कसूँ
और करेंगे ही क्या
इन वक्तों में ?
१३ - यह सड़क
दूर तक जाती है
सँकरी भी है |
१४ - सोचना तो है
पर ज़रूरी नहीं
सर खपाना |
१५ - होगा सो होगा
ज्यादा सोचते नहीं
हम फ़िज़ूल |
१६ - जो होना है सो
होने भी तो दीजिये
देखा जायगा |
१७ - कोई नियम
नहीं है प्रकृति का
मनुष्य का है |
१८ - ढूँढ लेता है
पानी अपना तल
कहीं गिराओ |
१९ - किस विज्ञान
की पुस्तक में लिखा
नमस्ते करो ?
२० - कौन डॉक्टर
यह नुस्खा बताता
प्रणाम करो ?
२१ - आँख मारना
एक आँख से होना
दृष्टि बाधित !
२२ - मन फटा हो
अच्छी नहीं लगती
साथ सुन्दरी |
२३ - उनकी ख़ुशी
किनारा कर लिया
जानो मैंने ही |
२४ - दूर हो गयी
ग़लतफ़हमी थी
हिन्दू मुस्लिम
सिख ईसाई सब
आपस में भाई हैं |
२५ - मैं चुप हुआ
बहुत गुस्सा आया
जब जब भी |
२६ - आपने कहा,
किया प्यार से बात
यही बहुत
शुक्रगुजार हूँ मैं
याद रखूँगा सदा |
२७ - पाया न पिज़्ज़ा
फेल हो गया बच्चा
किसका दोष ?
२८ - आपत्ति ही है
धर्म जिस कौम का
तो करेगा ही !
२९ - बेमज़ा होता
भेद का खुल जाना
दिल में रखो |
३० - मैंने हमेशा
दिमाग दौड़ाने की
वकालत की
लिखने पढ़ने की
कुछ खेल क्रीड़ा की |
३१ - कीजिये मेरी
ख़ुशी ख़ुशी विदाई
मैं भी खुश हूँ |
३२ - विज्ञ का नहीं
युग विज्ञापन का,
प्रचार का है,
न विज्ञानं का ही है
संज्ञान का भी नहीं |
३३ - दिल तो रहे
बुद्धि की ऐसी तैसी
तर्क की क्षय ?
३४ - सारी संपत्ति
है तो पापा के नाम
सब मेंरी है |
३५ - समझिये कि
विषम है दुनिया
चैन पाइए |
३६ - कुछ न सोचो
यह भी एक ध्यान
एक विधान |
३७ - थैंक्स भी घूस
उनका कहना है
मानेंगे आप ?
३८ - किस भी सेक्स
उनका कहना है
अजीब बात !
३९ - जाने दीजिये
बुज़ुर्ग आदमी हूँ
गलती हुई |
४० - पसंद आना
और बात है शादी
करना और |
४१ - भूल चुकेंगे
जब हम तुमको
तब आओगे ?
४२ - सबकी किया
अब अपनी सोचूँ
थोडा तो बुरा ?
४३ - अब तो मेंरा
काम निकल गया
फूटो यहाँ से |
४४ - Do be kind [ डू बी काइंड = 5 ]
Not most kind [ नाट मोस्ट काइंड =7 ]
To anyone . [ टु एनी वन = 5 ]
४५ - मैं छूटे तब ,
पद, धन, दौलत,
का मय छूटे !
४६ - काम से काम
बाकी, प्रेम इत्यादि
सब दिखावा |
४७ - धन बढ़ना
सारे कष्ट का मूल
मन का बढ़ना |
४८ - माँ पालती है
वह जानती गुर
कैसे पालना ?
४९ - अब चलेंगे
हम तुम्हारे साथ
कुत्ते की भाँति |
५० - प्रेम नाम की
कोई चिड़िया कहीं
नहीं रहती
सब सेक्स विमर्श
प्रेम एक भ्रम है |
५१ - मिल गया था
विनम्र रहना था
ऐंठ ले डूबी |
५२ - कुछ भी नहीं
बिना भेदभाव के
होता कहीं भी |
५३ - यही नर्क है
यह दुनिया स्वर्ग
बस तो यही |
५४ - बंधना भाया
बंधता चला गया
छूट न पाया |
५५ - उनको बड़ा
बनने की ख्वाहिश
ले गई नीचे |
५६ - ऐसी जुगुप्सा ?
क्या करोगे ज्ञान की
अट्टालिका का ?
५७ - हम करेंगे
उनकी बराबरी
मार डाला रे !
५८ - सबने लादा
मेरे ऊपर भार
मैं हूँ संसार |
59 - न इस पार
कोई आग लगी है
न उस पार |

* मुझे ख़ुशी है कि मैं हाइकु के विषय वस्तु [ Content ] पर कमेन्ट
प्राप्त कर सका, न कि सिर्फ 5 - 7 - 5 पर वाहवाही |

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