गुरुवार, 18 अगस्त 2011

Evil Society

* - क्या किसी को भी, किसी भी कोण से ,किसी भी मोड़ पर लगा कि अन्ना एक गाँधीवादी भ्रष्टाचार विरोधी नेता होने के साथ देश के कोई सामान्य कानून पालक[law abiding] नागरिक भी हैं ? नहीं , उनकी अपनी जिद है और वह उसी पर कायम हैं - 'मेरा तो खूँटा यहीं गड़ेगा ' | जब चाहेंगे , जहाँ चाहेंगे ,जब तक चाहेंगे अनशन करेंगे , जब चाहेंगे तोड़ेंगे | अपनी इच्छानुसार तिहाड़ जेल में रहेंगे ,अपनी मर्ज़ी -मुताबिक रामलीला मैदान जायेंगे |सब अपनी शर्तों पर | उनके लिए देश का शासन -प्रशासन कोई मायने नहीं रखता , वे महान और विशिष्ट हैं ,सारे जहाँ से ऊपर ,कानून से परे | ऊपर से तुर्रा यह कि वह देश पर एक सख्त लोकपाल कानून लाना चाहते हैं | उस से उनका कुछ न बिगड़ेगा ,क्योंकि वे उसके दायरे में नहीं आयेंगे | लेकिन उनको हमारा साधारण नागरिक समाज तो अपने दायरे में रखता है ? उनका कृत्य लोकतंत्र के लिए घातक है | उनकी सोसायटी सिविल नहीं ,इविल सोसायटी है | ###

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