* जिंदगी को जीने की सांसारिक कृति को संस्कृति कहते हैं | ##
* कथा / उपन्यास अंश
एक व्यक्ति औरतों की सभाओं में खूब भाग लेता है , जहाँ सुंदर -सुंदर लड़कियां ,औरतें होती हैं | एक दिन एक महिला मित्र / सहकर्मी से वह इसका कारण बताता है | तुम्हारे साथ रहकर मैं अपने को किल[क़त्ल ] करता हूँ ,
तुम्हारे प्रति पैदा होती , बढ़ती खिंचाव को मारता हूँ , आकर्षण से मुक्त होने का abhyaas kar paata हूँ अपने मन का अनावश्यक तनाव दूर करता हूँ | ##
* [आध्यात्मिक पंक्ति / शेर ]
आपका छद्म जान लेता हूँ ,
आपको खुदा मान लेता हूँ | ##
*[राज-विचार ]
हमारे भारतीय भूभाग पर पार्टी संगठन की कोई संकल्पना नहीं है | जातियों के आधार पर सामूहिकता का गठन अवश्य है |तो इसी स्वाभाविक संगठन को पार्टी स्वरुप क्यों न मान लिया जाय , स्वीकार कर लिया जाय ? जैसे "दलित" एक पार्टी है ,जो यथार्थ जीवन पर आधारित है | उसे कहीं से कोई पार्टी मेनिफेस्टो नहीं बनानी ,न उधार लेनी , न आयातित करनी है | सब बना -बनाया सांस्कृतिक रूप से मौजूद है | वह हिन्दू राष्ट्रवादी है | बल्कि उसका तो हिंदुस्तान के अलावा और कोई देश ही नहीं है | वह राज्य का अब उचित -उपयुक्त अधिकारी भी है | सदियों से दबा - दबाया हुआ | लोकतंत्र का सच्चा हक़दार | तो , दलित ,और सिर्फ दलित को अपना अमूल्य वोट हम देने के लिए तैयार क्यों न हो जाएँ ? और देश को बचाएं |
एक व्यक्ति औरतों की सभाओं में खूब भाग लेता है , जहाँ सुंदर -सुंदर लड़कियां ,औरतें होती हैं | एक दिन एक महिला मित्र / सहकर्मी से वह इसका कारण बताता है | तुम्हारे साथ रहकर मैं अपने को किल[क़त्ल ] करता हूँ ,
तुम्हारे प्रति पैदा होती , बढ़ती खिंचाव को मारता हूँ , आकर्षण से मुक्त होने का abhyaas kar paata हूँ अपने मन का अनावश्यक तनाव दूर करता हूँ | ##
* [आध्यात्मिक पंक्ति / शेर ]
आपका छद्म जान लेता हूँ ,
आपको खुदा मान लेता हूँ | ##
*[राज-विचार ]
हमारे भारतीय भूभाग पर पार्टी संगठन की कोई संकल्पना नहीं है | जातियों के आधार पर सामूहिकता का गठन अवश्य है |तो इसी स्वाभाविक संगठन को पार्टी स्वरुप क्यों न मान लिया जाय , स्वीकार कर लिया जाय ? जैसे "दलित" एक पार्टी है ,जो यथार्थ जीवन पर आधारित है | उसे कहीं से कोई पार्टी मेनिफेस्टो नहीं बनानी ,न उधार लेनी , न आयातित करनी है | सब बना -बनाया सांस्कृतिक रूप से मौजूद है | वह हिन्दू राष्ट्रवादी है | बल्कि उसका तो हिंदुस्तान के अलावा और कोई देश ही नहीं है | वह राज्य का अब उचित -उपयुक्त अधिकारी भी है | सदियों से दबा - दबाया हुआ | लोकतंत्र का सच्चा हक़दार | तो , दलित ,और सिर्फ दलित को अपना अमूल्य वोट हम देने के लिए तैयार क्यों न हो जाएँ ? और देश को बचाएं |
सावधान , हिन्दू कोई जाति नहीं है | इसलिए यह कोई पार्टी नहीं है | इसलिए हिन्दू राज्य की स्थापना असंभव है [यह बात बहुत साधारण दिखती है किन्तु अति -विशिष्ट है | इसी की समझदारी न होने से , कुछेक पार्टियाँ असफल होते चले जाने के बावजूद हिन्दू राज्य स्थापित करने में उछल -कूद करते रहते हैं ,और मैदान में चोट खाते -सहलाते रहते हैं | कारण कि उनके पास स्वाभाविक कार्यकर्त्ता , सरल पार्टी अजेंडा नहीं है | हो ही नहीं सकता क्योंकि हिदू एकरस सांस्कृतिक इकाई नहीं है ] निश्चय ही इसी तर्क पर कोई बनिया राज , ठाकुर राज , ब्राह्मण राज्य का सपना देख सकता है , पर वह देश को कितना विश्वसनीय होगा उसे भाजपा के इतिहास में देखा जा सकता है | इसलिए सोच वह बनानी चाहिए ,जिसका कोई आधार हो , जिसके सफलता की कोई आशा की किरण हो | वह है दलित जाति पार्टी , जिसके ज़रिये ही भारत में हिन्दू राज्य की स्थापना हो सकती है | और लोकतंत्र , समता , सुरक्षा -संरक्षा की भी | # # #
१ - इस बात को
गुप्त ही रखा जाये
तो बेहतर |
२ - मेरा दुर्भाग्य
मेरे साथ चलता
अन्य न कोई |
३ - मुसल्मा होंगे
आख़िरी वक्त में ही
आप जनाब |
४ - दुःख में मुझे
५ - मेरी गलती
८ - घर - जेवर
* हाइकु कवितायेँ
गुप्त ही रखा जाये
तो बेहतर |
२ - मेरा दुर्भाग्य
मेरे साथ चलता
अन्य न कोई |
३ - मुसल्मा होंगे
आख़िरी वक्त में ही
आप जनाब |
४ - दुःख में मुझे
याद कीजिये , सुख
में ईश्वर को |
५ - मेरी गलती
बहुत बड़ी न हो
तो क्षमा करें |
६ - कर जाता हूँ
कुछ पागलपन
बुद्धिमत्ता में |
७ - शरीर नहीं
स्वस्थ है तो दिमाग
कहाँ से होगा |
८ - घर - जेवर
हैं ईमानदारी के
स्याह - सफ़ेद |
९ - ऊब जाऊंगा
जल्दी ही , मिलकर
प्रियतम से |
१० - तुम्हारी तृष्णा
कभी ख़त्म न होगी
मृत्यु तलक |
९ - ऊब जाऊंगा
जल्दी ही , मिलकर
प्रियतम से |
१० - तुम्हारी तृष्णा
कभी ख़त्म न होगी
मृत्यु तलक |
* बदमाश चिंतन
१ - शी---सी -- she-se eee
Name of a magazine on women's सेक्सुअलिटी.
२ - Agnostik = अधकचरी आस्था
३ - Advocate = अधोगति ###
२ - Agnostik = अधकचरी आस्था
३ - Advocate = अधोगति ###
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