रविवार, 3 फ़रवरी 2013

शायरी क्या है


* शायरी क्या है 
शब्दों की कारीगरी 
वाक्य निर्माण |

* छूटती नहीं 
पुरानी आदत है 
सभासदी की |

* कहा जा पाता
कहाँ तो सारा ज्ञान 
अज्ञानियों से !

* करता रहूँ 
अनिवार्य चिंतन 
यही अभीष्ट |


* सुख न सही 
दुःख तो है शाश्वत 
शाश्वत हूँ मैं |

* नदी नहीं है 
ज़िन्दगी सागर है 
एक प्यास तो |

* देश में व्याप्त 
अद्भुत अव्यवस्था 
अराजकता |

* मैं जानता हूँ 
कैसे बचायी जाये 
टोपी अपनी |

* करते हम 
फ़िज़ूल की बहस 
बेमतलब !

* हमारा घर 
रहने लायक है 
देखने नहीं |

* सिलसिला तो 
शुरू होने वाला है 
पुरस्कारों का |

* जो भी होता है 
होता चल रहा है 
उसे होने दो |

* कुछ भी नहीं 
नर - नारी समस्या 
सोच का फेर | 

* मनोरंजन 
विश्वविद्यालयों का   
आकर्षण है |

* महत्त्वपूर्ण ,
मशहूर तो नहीं 
ज़रूर हम |

* गन्दगी कोई 
घृणित वस्तु नहीं 
शुद्धि सोपान |

* हो गई बात 
कितनी बात करें 
प्यार तो एक !

* उनसे भेंट 
वेटिंग पर रखो 
कन्फर्म नहीं 
[ अभी मुल्तवी ]

* इसीलिये तो 
होता नहीं मैं ख्यात 
न हूँ कुख्यात |

* नहीं चलेगी 
सरकारी योजना 
वह कोई हो |

* नहीं चलेगी 
यहाँ कोई योजना 
सरकार की |

* मुझे चाहिए 
कोई अच्छा बहाना 
जेल जाने का |

* आखिर चूल्हा 
है तो सेपरेटाना  
कैसा दोस्ताना ?

* लकीरों को तो 
मिटना ही चाहिए 
बनें तो नई !

* चिर शांति हो 
लेकिन पहले तो 
कुछ शांति हो !


* ख्याली पुलाव 

अत्यंत स्वादिष्ट है 

इसे जेंइए | 

* न्याय  व्यवस्था    
बड़े आराम से है 
चल रही है |

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