* आतंकवाद के समान ही भ्रष्टाचार भी सरकार द्वारा समाप्त किये जाने की क्षमता से बाहर है | वह ज्यादा से ज्यादा कुछ पुलिसिया या कानूनी कार्यवाही भर , बेईमानी या ईमानदारी पूर्वक , कर सकती है | पर इस से कहीं मानव -मन के दूषण की सफाई होती है ? ##
* शेम -शेम |जय राम रमेश को | उन्हें पहनाये गए सूत की माला को उन्होंने अपने जूते पोंछने के लिए इस्तेमाल किया | उन्होंने सूत की कीमत नहीं समझी और उसकी बेक़द्री की | लानत है उन पर | ##
* जिस संस्था ने मौलाना बस्तान्वी को दारुल उलूम देवबंद का वी सी बनाया था , वह धन्यवाद की पात्र है | अब जिन लोगों ने उन्हें पद से च्युत किया , वे साधुवाद के पात्र नहीं हैं | क्योंकि हिन्दू मानस इसे मुसलमानों की नकारात्मक मानसिकता के रूप में देख रहा है | ##
* समझाने आये हैं | पता चल है कि अन्ना टीम देश में घूम -घूम कर जनता को अपना पक्ष समझाने निकलने वाले हैं | खुद तो समझ नहीं पाते , समझना नहीं चाहते | ##
* न्यायिक सक्रियता जैसी कोई चीज़ नहीं है | सब के सर पर नेतागिरी का भूत चढ़ कर बोल रहा है | अतिरिक्त किसान आन्दोलन भी मनुष्य की बढ़ती स्वार्थ लिप्सा , आर्थिक अभीप्सा का परिणाम है | ##
* जिन्ना की तमन्ना के अनुसार पाकिस्तान बन जाने के बाद तो भारत में हिन्दू - मुस्लिम समस्या का अंत हो जाना चाहिए था |
यह एक सूत्र वाक्य है जो मैंने कहा | और इसी में समस्या का निदान भी छिपा है | कारण यह है कि जिन्ना के विचार का पूरा पालन नहीं किया गया | पाकिस्तान इस्लामी राष्ट्र बना तो स्वाभाविक परिणति के रूप में भारत को , प्रतीकतः ही सही , हिन्दू राष्ट्र घोषित हो जाना चाहिए था } तब राजनीति बिल्कुल स्पष्ट हो जाती और सबकी सीमायें निर्धारित हो जातीं | ##
* आतंकवादियों ! तुम धर्म के सेवक बेशक हो सकते हो | लेकिन इंसानियत के सेवा तो उस से अलग बात है | ##
* आइये , हम देश के निर्माण के लिए एक हों | ##
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