शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

केले का छिलका


* जिले बनाने के लिए , नए प्रदेशों की राजधानी बसाने के लिए ज़मीनें कहाँ से आएँगी ? जो अधिग्रहीत की जायगी वे सब क्या बंजर होंगी , जो शहर से सटी ही तो होगी ? क्या राजधानियाँ ,उद्योगों और सड़कों से ज्यादा ज़रूरी और महत्त्वपूर्ण हैं ? [चिंता /विचार बिंदु ] ##

* केले का छिलका तब तक केले से अलग न करें , जब तक केला खाकर ख़त्म न कर लें [नागरिक पत्रकारिता] ##





* १ - जब ७० -७५ भारत की जनता की आमदनी बीस रु है , तो क्या वह एक din राहुल गाँधी को खिलाने के लिए दस रु खर्च नहीं कर सकती ? क्या रोज़ - रोज़ आते हैं राजकुमार द्वार पर ? आतिथ्य में क्या वह भूखी नहीं सो सकती ? लेकिन सोयेगी किस पर ! खात पर तो राजकुमार सोये हुए हैं



२ - यार बीस रु की आमदनी है तो क्या दस रु रोजाना सुलभ शौचालय पर नहीं खर्च कर सकते जो इधर -उधर खुले में बैठते हो और गंदगी फैलाते हो ?



३ - बीस रु रोज़ की आय में से क्या पंद्रह रु एक बोतल पानी पर नहीं लगा सकते , जो गन्दा -संदा बम्बे का पानी पीते हो ? ###





* चाहें मुंह पर गमछा लपेट कार घूमें या बिकनी में, लड़कियों को घूमने में मज़ा बहुत आता है [बदमाश चिंतन ]



* अंग्रेजी से नाता जोड़ो ,



हिंदी - हिन्दुस्तानी छोड़ो #



* अल्ला न अल्ली ,



तोड़ बकरे की नल्ली #



* कैसे कह सकते हैं की मुसलमानों ke दिलों me प्यार नहीं उपजता ? जब बकरे ke साथ कुछ ही दीं रहकर उनसे इतनी मोहब्बत करने लगते हैं की वे उसे प्यारा समझ कर बकरीद के दीं उसकी कुर्बानी दे डालते हैं ?[बदमाश चिंतन] ##

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