उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
रविवार, 4 फ़रवरी 2018
निराशा
मुझे लगता है, मुझे वर्ग संघर्ष और सर्वहारा की तानाशाही की उम्मीद छोड़नी पड़ेगी । क्योंकि दलित जातियाँ अपनी अस्मिताएँ त्यागकर वामपंथ का वर्ग बनने को तैयार नहीं, और कम्युनिस्ट आंदोलन अपनी परिभाषा झुकाकर दलित को वर्ग मानने को उत्सुक नहीं !
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