मेरा कम्युनिज़्म से क्या सम्बन्ध ? मेरा आग्रह केवल यह होता है कि सब कुछ सोच लेने के बाद अंत मे निर्णय इस बात पर गौर करने के बाद ही लिया जाय कि इस प्रश्न पर मार्क्सवाद क्या कहता है । और मार्क्सवाद भी क्या ? जैसा कि लेनिन खुद कहते हैं - यह नहीं ढूँढना है कि अमुक समस्या पर मार्क्स ने क्या कहा है ? बल्कि यह छानना है कि मार्क्स होते तो इसका क्या हल सोचते, निकालते, बताते ? अब आज के मार्क्स तो आपही हैं न ? यही मेरा मार्क्सवाद है ।
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