अब देश का और क्षरण रोकने के लिए अम्बेडकरी हिन्दू को चाहिए कि वह हिंदुत्व को मनुवादी, सनातनी, पाखंडी, पोंगापंथी हिंदुओं से छीनकर भारत के हिंदुत्व पर कब्ज़ा कर लें ।
मुश्किल नहीं है । मन बनाने की बात है । मैदान यह कह कर छोड़ना नहीं है कि हम हिन्दू नहीं हैं , तब तो वह और शेर हो जायेंगे । कहना होगा कि हम नास्तिक, प्रगतिशील, सेकुलर, बौद्धिक, विचारशील, अभी तक के पिछड़े दलित ही असली हिन्दू हैं । तुमने तो बदनाम किया देश की संस्कृति को । यकीनन यह धार्मिक आंदोलन होगा, आम्बेडकर के आगे, उन्हीं के रास्ते, आत्मसम्मान हेतु ।
उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
सोमवार, 19 फ़रवरी 2018
अम्बेडकरी हिन्दू
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