सोमवार, 28 फ़रवरी 2011

कोई इंसान नहीं

* केवल राजनीति रह गयी है , धर्म नहीं रह गया है | यह तो दूर की बात  है | कोई इंसान नहीं रह गया है | कोई हिन्दू  मुसलमान भी  नहीं रह गया है | क्या कोई व्यक्तिअपनी चारित्रिक विशेषताओं के आधार पर 
हिन्दू मुसलमान पहचाना जा सकताहै ? मसलन , ईमानदारी , सत्यनिष्ठा एवं ज्ञानार्थी , पवित्रता के 
अर्थों में ?
* वह सर्वशक्तिमान  है , तो अपने सम्मान की रक्षा करने में स्वयं समर्थ |# 
* मैं अपने इस आरोप पर आपसे सहमति चाहता हूँ कि, लगभग सारे के सारे अपने को आस्तिक कहने वाले लोग ईश्वर में सचमुच  विश्वास  नहीं रखते , इसीलिये उसके नाम पर पूजा - पाठ एवं अन्य खुराफात अनावश्यक रचते रहते हैं |

*  Assigning the supernature [ as it is called ] with names of Ishwar / Allah is a blasphemy in itself .

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