बंदउँ चरण कमल सुखदायी
जासु कृपा हम दफ्तर में कछु घूस -पात पा जाई
वह़ि के बल पर रोज उड़ाई रबड़ी, दूध, मलाई {2}
साल बीतिगा पढ़ि ना पावा इम्तिहान सर आई
प्रभु ने ऐसो पुरजी भेज्यो अव्वल नम्बर पाई {2]
अपने किहे न कुछ ह्वै पावा, बाप ने ब्याह कराई
ऊ बड़भागी मोर बहुरिया बहु दहेज लै आई {2}
मेहरारु के डर से कतहूँ ताकि-झाँकि ना पाई
प्रभु की माया टीवी रानी सगरौ देत दिखाई { 2}
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