हम सब मजदूर ! दुनिया के मजदूरों एक हो ! 👌
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मैं राजनीति में मार्क्सवाद का समर्थक हूँ, कुछ अकारण कुछ सकारण !
और धर्म को व्यक्तिगत अध्यात्म तक सीमित रखता हूँ । हिंदू मुस्लिम नामकरण से ही चिढ़ है मुझको ।
लेकिन यह जो देश हिंदुस्तान है न, वह आपसे कोई धर्म बताने को कहता है । धर्म के बिना यहाँ हवा नहीं चलती ।
ऐसी दशा में मैं कम्युनिस्टों को धार्मिक बनाना चाहता हूँ । मजदूर बन जायँ/बताएँ अपना धर्म सब । मजदूरी है कर्तव्य हम सबका । पेट पालने के लिए जो कर्तव्य हम धारण करते हैं, वही हमारा धर्म है । वह है मजदूरी । क्या नहीं ? 👍
(उग्रनाथ)
उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
गुरुवार, 18 जुलाई 2019
मजदूर
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