* ९/५/११
बिना ओसामा
पाकिस्तान की सरकार और फौज अपने देश के आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं करती ,तो यह तो बड़ी अच्छी बात है | भले यह अमरीका या भारत के हित में न हो ,या उसकी सुरक्षा / अखंडता के लिए नुकसानदेह हो , पर हिन्दुस्तान के महान अरुंधती वादी नागरिक समाजियों के मंतव्य के अनुसार तो पाकिस्तान बिलकुल उचित ही कर रहा है जो अपने नागरिकों के खिलाफ पुलिस या फौज का इस्तेमाल नहीं कर रहा है| हमारे भारत सरकार की तरह ,जो माओवादियों के खिलाफ ,असफल सही, कभी - कभी पुलिसिया एक्शन , राजकीय हिंसा का सहारा लेती है हमें अपने पडोसी की प्रशंसा करनी चाहिए, और अपने सरकार की भरपूर आलोचना करनी चाहिए | अपने निंदक को बहुत नियरे रखना तो हमारी संस्कृति में है |##
* जामिया मिलिया विश्व विद्यालय को अल्पसंख्यक दर्ज़ा दिए जाने का [अध्यक्ष - पी एल पुनिया] अनु. जा. ज जाति आयोग ने विरोध किया है | यह घटना मेरी उस स्थापना को पुष्ट करती है कि भारत में दलित राज्य ही देश में साम्प्रदायिकता का दमन कर सकता है | वही सेकुलर एस्टेट कि अवधारणा को लागू कर सकता है , और भारतीय अवधारणा और परिस्थिति के वह अनुकूल भी होगा | इसलिए हम नागरिकों को चाहिए कि हर और हर प्रकार के चुनाव में दलित और केवल दलित उम्मीदवार को ही अपना अमूल्य वोट दें |
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* क्षमा चाहता हूँ | मेरे मन में एक गंभीर संदेह पैदा हो गया है , अलबत्ता मैं उस से उबरने कि चेष्टा कर रहा हूँ | मेरे अनुमान में आ रहा है कि कोई अंग्रेजी टाईप डेमोक्रेटिक सरकार सत्ता में आएगी ,तो जैसे मुलायम सरकार ने गाँव में शौचालय निर्माण के लिए पैसे भेजे थे , वह अति -उत्साह में डाइनिंग टेबल के लिए सब्सीडी उड़ेलेगी | तब क्या होगा , मैं इसकी चिंता में हूँ | खाने का ढंग तो हिंदुस्तान का सुधर जायगा ,पर वह उस पर खायेगा क्या ?
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[नागरिक जन उदगार]
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