मंगलवार, 24 मई 2011

तत्काल २४/५/११

*बाबा रामदेव के चेले चापड़ ज़्यादातर इस उद्योग में क्यों रहते हैं की उनके बाल काले हो जाएँ ? ##

*सेमिनारों के वक्ता से चलते - चलते अंत में यह पूछो कि, आप ऐसे [मूर्ख ] जन्म से हैं ,या बाद में ऐसे हुए ? ##

# बातों से भी क्रांति , कोई परिवर्तन , या संघर्ष किया जा सकता है , ऐसा मेरे एक मित्र दिव्या रंजन पाठक जी  सिद्ध कर रहे हैं |  ##

* अमरीका में CIVIL SOCIETY  नहीं हैं क्या ? या वे भारत की civil society सोसाइटी जितना सभ्य नहीं हैं ? क्योंकि लादेन के मरे जाने पर वहां कोई हो हल्ला ओबामा के खिलाफ सुनाई नहीं दिया |
   भारत में भी करूणानिधि की बेटी की गिरफ़्तारी पर कहाँ कोई सोसायटी बोली ! मतलब , इसमें संभव तः  हर कानूनी प्रक्रिया का सर्कार ने पूरी तरह पालन किया है | वर्ना ये बोलते ज़रूर , जैसे ये कथित अल्पसंख्यक आतंकवादियों और माओवादियों की तरफदारी करते रहे हैं | ##

* प्रधान मंत्री ,मुख्य न्यायाधीश के भ्रष्टाचार हमें ज्यादा प्रभावित नहीं करते | हम तो पीड़ित होते हैं लेखपाल , तहसीलदार , ग्राम विकास अधिकारी के भ्रष्टाचार से | उनके विरोध में लोकपाल विधेयक के पास क्या कार्यक्रम है ?##

*   Lokpal bill drafting committitee is a silent authoritative civilian coup in the offing , no better than a military coup . So, now much more responsibility rests with the govt members to curb ill-designs of civil society members >  ## 


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