सोमवार, 9 मई 2011

विप्लव विकल्प विकास

१०/५/११
* gmail group se विप्लव विकल्प विकास पर लिखने का invitation मिला  | व्यवस्था सम्बन्धी नए विचार , 
घटनाओं पर नवीन प्रतिक्रिया हेतु | पहले तो लोग यही  गलत  समझते हैं कि विप्लव की ज़रुरत सिर्फ व्यवस्था में है | मैं कहूँ , अपने भीतर एक महान आन्दोलन चलाने की ज़रुरत है, तो इसे अध्यात्मिक विलाप कहकर टाल दिया जायगा इसलिए मैं भी उसे छोड़ता हूँ |  लेकिन समाज के भीतर की कुत्सित शक्तियों और प्रवृत्तियों के खिलाफ तो जिहाद ज़रूरी है ही | इसे लोग करना कम पसंद करते हैं क्योंकि इसमें काम बहुत है और नाम बहुत कम | राजनीतिक विरोध के कामों में ख्याति और प्रतिष्ठा बहुत है | इसलिए उसमे लोग ज्यादा जुटे हैं | इससे कुछ ख़ास हासिल होने वाला नहीं है | अपनों से महाभारत लड़ना ज्यादा कष्ट साध्य तो है ,लेकिन येही है जो अधिक sustainable विप्लव विकल्प विकास धारी कार्य है |   और हाँ , यह तो कहना रह ही गया कि हर परिवर्तन के मूल में  एक साफ़ -साधा विचार होता है |   ###

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