उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
मैंने प्रेम खूब किया, तो प्रेम और प्रेमपात्र नारी जाति का विरोधी हो गया । मैंने पूजा बहुत की, तो पूजा पाठ, ईश्वर के विरुद्ध ही गया । 😢
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