गुरुवार, 11 जून 2020

Religiosity

मैं एक बड़ा काम करना चाहता हूँ । बड़ा काम कहने के लिए कह रहा हूँ, विनम्रतावश, वरना कवि के लिए किसी चाँद तारे की दूरी कुछ ख़ास नहीं होती ।
बात यह थी कि मैं Spirituality और Religiosity को धर्म के हाथ से छीनकर Science के हाथ में देना चाहता हूँ । क्योंकि यह सब काम धर्म के वश का नहीं है । विज्ञान ही है जो इनका सही उपयोग कर सकता है । करता ही है, करता ही रहा है । सच्चे आध्यात्मिक और धार्मिक तो वैज्ञनिक ही हैं, जो सृष्टि, सृजन की चरणों में बैठकर उसे भलीभाँति समझना चाहते हैं । सृजनकर्ता की सच्ची पूजा आराधना तो विज्ञान करता है । धर्म अनावश्यक इसमें टाँग अड़ाकर छिछली कल्पनाओं के बल पर बड़ा भारी spiritual और religious होने का खिताब अपने माथे पर धरने की धृष्टता करता रहा । अब उसकी यह हिमाक़त चलने न पाएगी । वह यह मान ले कि आदमी को मूर्ख बनाने का उनका धंधा है धर्म, और धंधे तक ही सीमित रहें । ज्ञान विज्ञान पर उनका दावा निरर्थक और अनावश्यक है, वह माना न जायगा । व्यक्ति चाहे तो कोई धार्मिक आस्था व्यक्तिगत सीमा तक रखे, इसका अधिकार secularism और democracy की राजनीतिक व्यवस्था उसे देती है । लेकिन उसके आगे वह न बढ़े । बढ़ेगा तो लताड़ा, अपमानित और सम्भवतः किसी समय राज्य द्वारा दंडित भी किया जा सकता है । धार्मिक भावना को ठेस लगना तो साधारण बात है, जिसे हम संज्ञान में ही नहीं लेते ।
यह भी नहीं चलेगा कि इन दोनों महान मानुषिक क्षेत्रों का दोनो ही इस्तेमाल करें, दोनो अपना कब्ज़ा रखें । इससे भ्रम होगा कि कोई ज्ञान वैज्ञानिक है या धर्मिक । इसलिए मैं इन विषयों पर विज्ञान के एकाधिकार देना चाहता हूँ ।
अर्थात कोई वैज्ञानिक ही आध्यात्मिक और धार्मिक चेतना युक्त हो सकता है, कोई पोप पुजारी नहीं । धार्मिकों को तो निकृष्टजन समझा जाए, जैसा कि वह हैं । और एक उदाहरण के लिए मार्क्स को मैं महान धार्मिक आध्यात्मिक व्यक्ति की संज्ञा देना चाहता हूँ ।
तो यह काम मैंने किया religious, spiritual. (☺️हास्य का इमोजी लगा दूँ जिससे कोई बुरा न माने😊)
और आपको क्या काम करना है? वह यह कि जब कोई बाबा टाइप आदमी जोकर जैसे कपड़े पहने (ऐसे बहुत मिलेंगे आपको) दावा करे कि वह बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक शक्ति वाला है, तो ज़रा उस पर ठठाकर हँस दें, उसकी जोरदार खिल्ली उड़ा दें । ध्यान दीजियेगा, कोई वैज्ञानिक अपने बारे में ऐसा कुछ नहीं कहेगा । वह तो प्रकृति का विनम्र सेवक है । आपको बिना उसके बताए उसको आदर प्रदान करना है । 
#हैशा (उग्रनाथ नागरिक)
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PS- टैग करना/ किया जाना मुझे अच्छा नहीं लगता । तो ध्यानाकर्षण हेतु कुछ मित्र चिंतकों को mention भर कर रहा हूँ । Gauhar Raza, Vir Narain, Surendra Ajnat,  Hirday Nath, Narendra Tomar, Rakesh Mishra Kumar, Vijay Kumar, Abhishek Wasnik, Dilpawan Tirkey, Azad Rao, Nitin Gaur, Chandan Singh एवं साथी।
जो मित्र इस group में न होंगे वह comment न कर सकेंगे, इस के समाधान हेतु इसे अपने Timeline पर भी share कर रहा हूँ जहाँ वह कमेंट कर सकेंगे । सादर स्वागत है।💐

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