Rakesh Mishra Kumar To Ugranath
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वैज्ञानिकता को बिलकुल धर्म कह सकते हैं ।भारत में तो ज़रूर कह सकते हैं ।इसे संप्रदाय ,पंथ ,
मसलक नहीं कह सकते क्योंकि कि वैज्ञानिकता ,धर्मों की तरह बाँटी नहीं जा सकती ।
भारत में धर्म के पहले ही अनेक अर्थ हैं ।मनु के मुताबिक़ अहिंसा ,सत्य ,अस्तेय ,शौच ,इन्द्रिय निग्रह धर्म के 10 लक्षण हैं ।महाभारत के अनुसार जो भी धारण करने योग्य है ,वह धर्म है ।धर्म शब्द का अर्थ स्वभाव भी होता है ।वैज्ञानिकता तो मनुष्य का स्वभाव है ,इसलिए धर्म है ।अंग्रेज़ी में ईश्वर और उसकी प्रेषित किताब की लिखत को religion कहा गया
मगर इसका एक शब्द कोशीय अर्थ किसी धारणा ,नियम सिद्धान्त के लिए दृढ़ विश्वास भी है ।अगर कहें कि humanism is my religion या कि patriotism is my religion तो मैं नहीं समझता कि इसमें कोई व्याकरणिक गलती है ।
बुद्ध का धम्म किसी देवी -देवता में विश्वास और इबादत से कोई ताल्लुक़ नहीं रखता अपितु मानवीय आचार का बयान है ।
इसलिए मैं आपका समर्थन करता हूँ ।वैज्ञानिकता ही हमारा धर्म है जिसे हम प्रचारात्मक धर्मों के मुक़ाबले ज़्यादा जोश ओ जुनून के साथ फैलाएँगे भी ।
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