शनिवार, 15 दिसंबर 2018

शोषण के खिलाफ़

मैं यह कहना चाह रहा था कि अगर ईश्वर और धर्म शोषण के औजार हैं तो  कम्युनिस्ट जन ईश्वर और धर्म का खुला विरोध क्यों नहीं करते ? केवल पूँजीवाद ही उनकी ज़ुबान पर क्यों रहे ?

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