उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
रविवार, 5 अगस्त 2018
आंदोलन
किसी अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाना तो उचित ही होता है । लेकिन यह भी होता है कि जिन्हें आंदोलन की आदत होती है वह आंदोलन करने के लिए कोई न कोई अन्याय का मुद्दा ढूँढ ही लेते हैं ।
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