हमें विशाल मनुष्य होना चाहिए । चाहे जिस नाते समझ लीजिए । महान हिन्दू होने के नाते, विराट मुस्लिम होने के नाते, विस्तृत ईसाई होने के नाते, तीक्ष्णबुद्धि दार्शनिक- वैज्ञानिक होने के , या स्वतंत्र नास्तिक होने के कारण । किसी भी वजह से हमें विशाल बुद्धि, हृदय, मस्तिष्क और व्यवहार का होना चाहिए । छोटी छोटी बातों, देवी देवताओं में उलझना नहीं चाहिए ।
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