भारत के अंतर्गत कई भारत हैं यह कहना पर्याप्त नहीं । बल्कि कहना होगा कि भारत के अंदर कई दुनिया हैं ।
एक दुनिया मोदी शाह अडवानी की है । एक दुनिया बच्चन, खानों, विराटानुष्का की है । एक दुनिया दलितों आदिवासियों, वंचितों मजलूमों की है । और सब एक दूसरे से काफी फ़र्क़ और विरोधी हित वादी हैं । विडम्बना, सब भारत में हैं ।
एक दुनिया मजदूर किसान और साथी कम्युनिस्टों की भी है ।
इन्हीं में से एक कोई अलग दुनिया मेरी भी है, लेकिन
मैं औरों की दुनिया की तुलना में अपनी ज़िन्दगी नहीं जीता ।
उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
मंगलवार, 12 दिसंबर 2017
कई दुनिया
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