रविवार, 1 अक्तूबर 2017

उनके सपने

महापुरुष सपने देखते हैं, और हम कापुरुष के मत्थे मढ़कर मर जाते हैं । कहकर कि इसे पूरा करो । मैं क्यों पूरा करूँ उनके सपने ? उनके सपने थे वह जानें । यहाँ तो हमारे छोटे छोटे सपने ही पूरे नहीं होते हमसे । फिर इन लोगों के सपने ? और ये महापुरुष भी कोई एक दो चार नहीं, अनगिनत हैं ।

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