उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
शनिवार, 23 सितंबर 2017
नास्तिक व्यवहार
मेरा अनुभव यह है कि नास्तिक को शांत रहना चाहिए । झगड़ा झंझट करने, विवाद बढ़ाने से नास्तिकता के प्रति लोगों में अरुचि और दुराव पैदा हो सकता है, जिससे इस नैतिक आंदोलन की हानि हो सकती है । नास्तिक को अपने कर्म और व्यवहार से आदर्श स्थापित करना चाहिए ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें