उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
सोमवार, 13 फ़रवरी 2012
जो गरीब है
[कविता ] * जो गरीब है , वह सम्मान्य है आदरणीय है वह क्योंकि उसने कभी चोरी नहीं की, डकैती नहीं की , लूट नहीं की , घूस नहीं लिया , कमतोली नहीं की, कोई मिलावट नहीं की , हराम का पैसा नहीं कमाया , किसी की ज़मीन पर क़ब्ज़ा नहीं किया , अमानत में खयानत नहीं की , किसी की मजदूरी नहीं मारी , काम से ज्यादा मजदूरी नहीं माँगी , कोई अनैतिक काम नहीं किया, कभी बेईमानी नहीं की . तभी तो वह ग़रीब रह गया ? isliye wh samman योग्य है ।
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