यह दुनिया बुद्धिमत्ता पर नहीं, सदैव मूर्खता पर चली है । और चलती रहेगी । बस मूर्खों को यह पता होना चाहिए कि यह मूर्खता है । तब तक कोई दिक्कत नहीं ।
जब मूर्खता को।महिमामण्डित कर उसे बुद्धिमानी समझने, मानने लगते हैं तब परेशानी हो जाती है ।
मूर्खता को मूर्खता की तरह स्वीकार, धारण करो । यही धर्म है । 😊😢
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