सम्बन्ध विच्छेद के लिए तलाक़ ही एकमात्र उपाय नहीं है ।
उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
गुरुवार, 30 नवंबर 2017
सोमवार, 27 नवंबर 2017
अदावत
अदावत !
नुकसान मेरा भी होगा, लेकिन पता उन्हें भी तो चले कि उनके जड़ राजनीतिक आचरण और कट्टर धार्मिक और विश्वासों के चलते उन्होने मेरे जैसा अच्छा मित्र खो दिया है ।
उजड्ड
क्या उन्हें नहीं पता कि उनके राम मंदिर आंदोलन के चलते अनगिनत समझदार, श्रेष्ठ हिन्दू उनसे विरत हुए हैं ? फिर तो उनको शेष उजड्ड भीड़ से कितनी और किस गुणवत्ता की ताक़त मिलेगी ?
रविवार, 26 नवंबर 2017
गंभीर राजनीति
राजनीति एक गम्भीर कर्म है । यह किन्ही का शौक पूरा करने का साधन नहीं है । कि कोई अपने नाम से या कोई यूँ ही दल/ पार्टी का नाम रखकर चुनाव में खड़ा हो जाय और वोट माँगने चला आये । अरे, किसी विचारधारा के आधार पर ज़िम्मेदारी से राजनीति करने वाली पार्टी के साथ संघर्ष करो फिर हमारे दरवाज़े आओ ।
शुक्रवार, 24 नवंबर 2017
व्यक्तिजन
हम अपने काम के ज़िम्मेदार हैं/ ज़िम्मेदार रहेंगे/ ज़िम्मेदार बनेंगे ।
यही है Indivualism, व्यक्तिजन वाद ।
बुधवार, 22 नवंबर 2017
म्लेच्छ
ईश्वर को मानने में दिक्कत यह भी है कि इसे वह भी मानते हैं जिन्हें आप म्लेच्छ, आतंकवादी कहते हो ।
Living Being
Living Being
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Only "Living" is also a "Being" .
केवल जीना भी आख़िर तो "होना" है !
अंगुलिमाल
अबकी बार जो अंगुलिमाल मिला तो वह गौतम बुद्ध को छोड़ेगा नहीं । अगर बुद्ध ने मोदी पर उँगली उठाई तो वह उनकी उँगली काट लेगा । अंगुलिमाल ने अब अपना नाम बदल लिया है और वह पाटलिपुत्र राजधानी वाले प्रदेश की एक पार्टी का अध्यक्ष हो गया है ।
शुक्रवार, 17 नवंबर 2017
कमाल पाशा
कभी तो हमने भी हिन्दू राज्य की चाहना की थी । लेकिन तब हमारे मन में कमाल पाशा का आदर्श था । जैसा उन्होंने तुर्की के मुस्लिम राज्य में किया वैसे ही कोई हिंदुस्तान में करता । लेकिन यहाँ तो उल्टे हम और पीछे जा रहे हैं ।
PSS
मुझे खुशी है कि विध्वंसक RSS के बरक्स निर्माणकारी Progressive, PSS पूर्णतः सक्रिय है । प्रत्यक्ष मीडिया या सड़कों पर तो बहुत नहीं लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर, छोटे समूहों में और सोशल मीडिया में इनकी ताक़त का अंदाज़ा लगाया जा सकता है । यह बहुत ज़रूरी काम है । खतरा देश पर ही नहीं समूची मानवता पर आसन्न है । बल्कि PSS नाम से झण्डा भी बना लेना चाहिए, एकजुटता के लिए, शक्ति संगठन के लिए ।
गुरुवार, 16 नवंबर 2017
बुर्ज़ुआ
बड़े समझदार (प्रोफेसर) लोग वोट देने नहीं जाते ।
बड़े सिद्धांतकार (कम्युनिस्ट) लोग वोट माँगने नहीं जाते ।
नतीजा यह कि बुर्ज़ुआ लोकतंत्र बुर्ज़ुआ वोटर और बुर्ज़ुआ राजनेता के बीच घिसकर दर बुर्ज़ुआ होता चला जा रहा है ।